जलजले पहले भी आये थे।जलजले अभी भी है सामने
ना तुम पहले सुधरे थे ना तुम आज सुधरे हो।।
तुम्हारी हस्ती ही क्या थी जो हस्ती मिटने का डर हो
तुम जिंदा कहाँ थे जो मरने का डर हो।
बेपरवाह होकर जीना सीखा है और अगली नस्ल को भी यही दे रहे हो,
खुद फ़ना हो जाओगे, मगर उनके लिए क्या सहेज रहे हो।
इस से अच्छा है उनको मरने का जहर दे दो,
बिना पानी, हवा,के जीने का हुनर दे दो।
अभी इतना होता है कि संभाला नही जाता,
फिर इतना सा होगा कि पूरा नहीं पायेगा।।
जलजला अच्छा है,जलजला आने दो,
जो तुमने ना सिखाया अगली नस्ल को,
इनको सिखाने दो,
सागर जलजला आने दो।।
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