मैं एक खुशबूदार फूल ,माली ने जिसे लगाया ;
औलाद की तरह ,की बड़ा होकर सहारा बनेगा ;
बिक कर अच्छे दामों पैर मेरा पेट भरेगा ;
बड़ा होने पर मुझे तोड़ लिया गया ;
काट छांट कर सूंदर सजाया गया ;
लगा के गुलदस्तों में सूंदर सजा के अलमारी में रखा गया ;
एक आदमी ने मुझे अच्छे दाम देकर माली से खरीदा ;
बेच कर मुझे बड़ा खुश हुआ माली मेरा ;
देख कर मुझे बड़ा खुश हुआ खरीददार मेरा ;
अपनी मेहबूबा को खुश करने का नायब तरीका था मैं ;
उसे बड़ा प्यार मिलेगा तोहफा पाकर ;
तोहफा कबूल हुआ और में एक फूल फिर से अलमारी में सजाया गया ;
कई लोगों ने पूछा मेरे बारे में कुछ जले,खुश हुए कुछ नाराज हो गए ;
कुछ लोगों ने बोलै आहां कितना सूंदर फूल ;
मेरी तारीफ सुनकर बड़ा खुश होता खरीददार मेरा ;
मेरी तारीफ से उसका मेहबूब जो खुश होता ;
सोचते लोग भी कितनी फ़िक्र है आपने मेह्बूब की इसको ;
कितना ख्याल आपने मेहबूब का की कीमती फूल तोहफा दिया ;
ये फूल भी बड़ी ख़ुशी ख़ुशी झूमता ;
जब तक आँशु हैं खुद को सींचता रहा अपने खरीददार के लिए ;
जब मेरे आँशु सुख गए ;जब में मुरझा गया ;
फेंक दिया गया सड़क पर ;गाड़ियां रोंदती गयी मुझको ;
मेरी फ़िक्र है किसको मेरा ख्याल कौन रखता है ;
मैं एक खुशबूदार फूल था जिसे खाकर जानवर अपनी भूख मिटाते है ;
में एक खुशबूदार फूल हूँ जो हर किसी को खुश रखता है ||
" सागर "
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