2022/10/05

खुशबूदार फूल...........

 मैं एक खुशबूदार फूल ,माली ने जिसे लगाया ;

औलाद की तरह ,की बड़ा होकर सहारा बनेगा ;

बिक कर अच्छे दामों पैर मेरा पेट भरेगा ;

बड़ा होने पर मुझे तोड़ लिया गया  ;

काट छांट कर सूंदर सजाया गया ;

लगा के गुलदस्तों में सूंदर सजा के अलमारी में रखा गया ;

एक आदमी ने मुझे अच्छे दाम देकर माली से खरीदा ;

बेच कर मुझे  बड़ा खुश हुआ माली मेरा ;

देख कर मुझे बड़ा खुश हुआ खरीददार मेरा ;

अपनी मेहबूबा को खुश करने का नायब तरीका था मैं ;

उसे बड़ा प्यार मिलेगा तोहफा पाकर ;

तोहफा कबूल हुआ और में एक फूल फिर से अलमारी में सजाया गया ;

कई लोगों  ने पूछा मेरे बारे में कुछ जले,खुश हुए कुछ नाराज हो गए ;

कुछ लोगों ने बोलै आहां कितना सूंदर फूल  ;

मेरी तारीफ सुनकर बड़ा खुश होता खरीददार मेरा ;

मेरी तारीफ से उसका मेहबूब जो खुश होता ;

सोचते लोग भी कितनी फ़िक्र है आपने मेह्बूब की इसको ;

कितना ख्याल आपने मेहबूब का की कीमती फूल तोहफा दिया ;

ये फूल भी बड़ी ख़ुशी ख़ुशी झूमता ;

जब तक आँशु हैं खुद को सींचता रहा अपने खरीददार के लिए ;

जब मेरे आँशु सुख गए ;जब में मुरझा गया ;

फेंक दिया गया सड़क पर  ;गाड़ियां रोंदती गयी मुझको ;

मेरी फ़िक्र है किसको मेरा ख्याल कौन  रखता है ;

मैं एक खुशबूदार फूल था  जिसे खाकर जानवर अपनी भूख मिटाते है ;

में एक खुशबूदार फूल हूँ जो हर किसी को खुश रखता है || 


" सागर "

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपकी टिप्पणियों का हार्दिक स्वागत है...
आपकी टिप्पणियाँ मार्गदर्शक बनकर मुझे प्ररित करती है.....
आभार ..........