नफ़रत, द्वेष, क्रोध, दुश्मनी का हिसाब कर रहा हूं।।
में इस दीवाली मन का कोना कोना साफ़ कर रहा हूं।।
अगर तुमको भी हो मेरे किसी कथनी करनी का दर्द;-२
बता देना में अपनी मोहब्बत के बैलेंस का चेक भर रहा हूं।।
मेने किसी दिन जो तुमको कुछ बुरा भला कह दिया हो।
निकाल देना अनार गुस्से का में माचिस लिए खड़ा हूं ।।
दिए रोशनी के मेने जला लिए है दीवाली मनाने को,
तुम आ जाना जो कोना अंधेरा लगे ढूंढ कर रख रहा हूं।।
दीवाली छोटी और बड़ी भले कुछ इतिहास रहा हो सागर ।।
दिल खोल कर रख दिया दीवाली आज बड़ी मना रहा हूं।।
आ जाओ सभी दीवाली के दिए आज जला रहा हूं।।
मोहब्बत के अनार, प्यार की फुलझड़ी, ख़ुशी
की आतिशबाजी चला रहा हूं।
में करके हर मैल साफ दिल का, दिल से दीवाली मना रहा हूं।।
आज सब भुला के में दीवाली मना रहा हूं, खुशहाली मना रहा हूं।।
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"दिल खोल कर रख दिया दीवाली आज बड़ी मना रहा हूं"
जवाब देंहटाएंवाह साहब वाह,क्या बात है
शानदार शाहब
जवाब देंहटाएंCongratulations to you 💖🙂💐💥💫
जवाब देंहटाएंआप हमेशा से लाजबाब लो सर। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंHappy dipawali
जवाब देंहटाएंShaandar
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