ग़म की दीवारों पर मुस्कुराता गुलाब रखा है।।
मेरे शौक है अमीरी के, दिल से अमीर हूं।
जिन्दगी के हर कर्ज का हिसाब रखा है।।
मुझे छोड़ कर अपने हाल में जो चले गए थे तुम।
दिल की दीवारों पे वो वक़्त, वो लम्हात लिखा है।।
ये भी मुमकिन था तुझे मांग कर अपना बना लेता।
मेरी क़िस्मत में बिछुड़ना बेबात लिखा है।।
और जो मील भी गए कुछ लम्हों के लिए हम ।।
कर देंगे जुदा हमको सागर , ये उसूल ए इस्क की किताब लिखा है।।
"ये उसूल ए इस्क की किताब लिखा है" बहुत खूब
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