2010/12/11

दोस्ती...................

दिल से निकले जो आवाज वो दिल तलक जाती है -२
उनकी खुशी जब अपनी ख़ुशी बन जाती है....
उनके दर्द पर जब अपनी आँखों से निकले आंसू ;
दुनिया ऐसे रिश्तों को "सागर" दोस्ती बुलाती है !

इश्क क्या है

इश्क क्या है हमको तो कहीं मिलता ही नहीं-२ 
बहुत ढूँढा है रह गुजर में कहीं मिलता ही नहीं !
इश्क क्या है ..........................
मैंने इन फिजाओं में लगाई है आवाजें बहुत-२
इश्क लगता है बहरा वो सुनता ही नहीं !
इश्क क्या है ..........................
में ढूँढने को उसको अखबार में छपवा दू -२
सुना है मगर इश्क है अँधा उसे दिखता ही नहीं !
इश्क क्या है..................................
बाज़ार में पैसे दे कर खरीद लता में इश्क को -२
मगर बाजारों में इश्क बिकता ही नहीं !
बहुत ढूँढा है रह गुजर में कही दिखता ही नहीं !
कहीं मिलता ही नहीं............
इश्क क्या है हमको तो कही..................