दिल से निकले जो आवाज वो दिल तलक जाती है -२
उनकी खुशी जब अपनी ख़ुशी बन जाती है....
उनके दर्द पर जब अपनी आँखों से निकले आंसू ;
दुनिया ऐसे रिश्तों को "सागर" दोस्ती बुलाती है !
मेरे विचारों की,दिल के अरमानो की,सपनो की जो अठखेलियाँ करते आ जाते है,कभी मेरी आँखों में,और टपक पड़ते है कभी आंसू बनकर,कभी खिल जाते है फूल बनकर मेरे दिल के आँगन में,कभी होठों पे मुस्कराहट बन के आ जाते है,कभी बन जाती है आवाज मेरी जब हो जाता हूँ में बेआवाज ,तब होती है इन शब्दों के समूहों से अभिव्यक्ति;अपनी भावनाओ को,अपने दिल के अरमानो को लिख कर;प्रस्तुत किया इक किताब कि तरह,हर उन लम्हों को जो है मेरी अभिव्यक्ति,अगर ये आपके दिल को जरा सा भी छू पाए तो मेरा लेखन सार्थक हो जायेगा...
gud one
जवाब देंहटाएंजीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आती!
जवाब देंहटाएंमरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आती!
बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से!
उनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती!