2019/01/09

इश्क़

कदम जब रखा था कहाँ सोच के रखा था।।
नुकसान ही होना था नफा सोच के रखा था ।।
तेरी सादगी ने मुझको कातिल बना दिया सागर ।।
वफ़ा करते कैसे भला , जब दगा सोच के रखा था।।।