2019/12/10

मोहब्बत।।

जमाने भर से डर डर के रहा करता हूं।।
में तेरे दिल में घर कर के रहा करता हूं।।
मुझे होश नहीं , मदहोश हो गया हूं सनम ,
तेरी नज़रों से जाम पी कर जिया करता हूं।।
तन्हा हूं मगर तन्हाइयों का अहसास नहीं होता,
ले के तेरा नाम तेरी यादों में जिया करता हूं।।
और तुझे एहसास है के नहीं मालूम नहीं  ' सागर ',
जान से ज्यादा जान तुझसे मोहब्त किया करता हूं।।