2018/08/24

मुस्कुराती हुई जुबां........

दर्द दिल के अब कहाँ रखते है,
कुछ यादों की पोटली में छुपा रखते है।।
साफगोई से जो बन पड़ा लिखते है,
डरता हूँ तेरी उदासी से, मुस्कुराती हुई जुबां रखते है।।

वक़्त।।

पुकार लेते एक सदा भर दूर था तुमसे सागर।।
वक़्त थोड़े हूँ जो लौट कर आया नहीं जाता।।