अभी मिले है और मिलते ही क़त्ल कर डाला |
बहुत देखे है जलवा ए हुस्न मगर तुमसा नहीं देखा ||
मुद्दत से मिलना था उस कातिल से , मिले आज |
देखते है " सागर " अन्दाज ए क़त्ल नहीं बदला
02/01/2007
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