2010/12/17

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  ज़िन्दगी हुयी है कुछ इस कदर मेहरबान " सागर "
  रौशनी अपने घर में दुसरो के चरागों से होती है !
  दोस्ती यूँ ही नहीं है ज़िन्दगी के मायने ,
  तुझसे कि दोस्ती तो ज़िन्दगी बदलने लगी है !
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