*****************************************
ज़िन्दगी हुयी है कुछ इस कदर मेहरबान " सागर "
रौशनी अपने घर में दुसरो के चरागों से होती है !
दोस्ती यूँ ही नहीं है ज़िन्दगी के मायने ,
तुझसे कि दोस्ती तो ज़िन्दगी बदलने लगी है !
******************************************
ज़िन्दगी हुयी है कुछ इस कदर मेहरबान " सागर "
रौशनी अपने घर में दुसरो के चरागों से होती है !
दोस्ती यूँ ही नहीं है ज़िन्दगी के मायने ,
तुझसे कि दोस्ती तो ज़िन्दगी बदलने लगी है !
******************************************
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपकी टिप्पणियों का हार्दिक स्वागत है...
आपकी टिप्पणियाँ मार्गदर्शक बनकर मुझे प्ररित करती है.....
आभार ..........