2011/03/02

हर शख्स सामने वाला बुरा नहीं होता .......!

हर शख्स सामने वाला बुरा नहीं होता 
घाव न करे चुभकर ,मगर ऐसा भी कोई छुरा नहीं होता !
हाथ पकड़ कर कभी तो रास्ते पे लाता है,
और कभी  रास्तों की अड़चन बन जाता है !
धोख देता है वही जिसपे विश्वास अधूरा  नहीं होता !
हर शख्स सामने वाला बुरा नहीं होता .......!

दिल के दर्द को जिसे हमदर्द  समझकर बताते है ,
अपना समझ कर जिसे सिने से लगाते  है ,
तोड़ कर उम्मीदे धोखा देते है वही लोग,
ऐसे लोगो को क्या खौफ खुदा का जरा नहीं होता !
हर शख्स सामने वाला बुरा नहीं होता .......!

सपनो मैं क्यों हम अपनी जिन्दगी सजाते है ,
है जिन्दगी सपनो से लम्बी ये समझ नहीं पाते है ,
क्यों सपना हर रोज देखने की बेताबी आँखों को ,
जबकि है पता की हर सपना पूरा नहीं होता !
हर शख्स सामने वाला बुरा नहीं होता .......!

हर किसी का न हाथ पकड़ना अब ,
मौका ही न दे अब किसी को विशवास घात का,
मंजिले तुझे खुद ही तलाशनी पड़ेगी " सागर " यहाँ ,
कोई किसी की मंजिलों का रह्बरा नहीं होता !
हर शख्स सामने वाला बुरा नहीं होता .....
घाव न करे चुभकर भी मगर ऐसा कोई छुरा नही होता 
हर शख्स सामने वाला बुरा नहीं होता .......!

10 टिप्‍पणियां:

  1. हर किसी का न हाथ पकड़ना अब ,
    मौका ही न दे अब किसी को विशवास घात का,
    मंजिले तुझे खुद ही तलाशनी पड़ेगी " सागर " यहाँ ,
    कोई किसी की मंजिलों का रह्बरा नहीं होता !
    हर सख्स सामने वाला बुरा नहीं होता ...
    ---------------
    बहुत सही कहा आपने ....प्रभावी अभिव्यक्ति.....

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  2. सागर कृपया आप कुछ शब्द एडिट कर लें .....
    शख्स
    खौफ
    अधूरा
    आप इस टिप्पणी को प्रकाशित ना करें ....

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  3. हर सख्स सामने वाला बुरा नहीं होता .....

    Absolutely correct but it is very difficult to recognize good persons in the crowed of scoundrels.
    Your poem is good.

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  4. बहुत भावनात्मक अभिव्यक्ति है आपकी
    कृपया सख्स ..को शख्स लिखें

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  5. सपनो मैं क्यों हम अपनी जिन्दगी सजाते है ,
    है जिन्दगी सपनो से लम्बी ये समझ नहीं पाते है ,
    क्यों सपना हर रोज देखने की बेताबी आँखों को ,
    जबकि है पता की हर सपना पूरा नहीं होता !
    हर सख्स सामने वाला बुरा नहीं होता ....

    very nice lines..:)
    bahut sach kaha aapne..
    pyari rachna...isliye follow karna para..:)

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  6. har sabd mein ek gahra arth chupa h....sayad yahi hakiqut h jindgi ki....last lines are very impressive!!!!

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  7. घाव न करे चुभकर ,मगर ऐसा भी कोई छुरा नहीं होता !
    क्या बात है ...
    बहुत खूब ......

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  8. बहुत भावनात्मक अभिव्यक्ति| धन्यवाद|

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