2010/11/25

मोहब्बत

तेरे दिल मैं हूँ मैं इक आरज़ी की तरह -२
आँखों मैं छुपा ले पलकों की हिफाजत दे दे !
तेरे दिल को बना लू मैं सराय अपनी -२
वक़्त-बे-वक़्त  आम्दोरफत की इजाजत दे दे !
मेरी गलतियों को मुआफ करके मुस्कुराना बस -२
आँखों से न बहे आंसुओ को ये हिदायत दे दे !
तू जो चाहता है मैं वो तुझको ला क दूंगा -२
बस घडी भर की मुझको मोहलत दे दे !
हर रास्ते पे चलूँगा मैं साथ साथ  तेरे -२
करके वादा मेरी बनजा इतनी सी बस इनायत दे दे !
मैं नहीं मांगता तुझसे बस और जयादा - २
मेरी बावफाईयों  की मुझको अदावत दे दे !
तुझ से क्या माँगू मैं अपने दिल की ज़ानिब -२
करदे सरोबार  " सागर " को इतनी मोहब्बत दे दे !

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