तू साक़ी हो तो सराब हो कि हो पानी क्या फ़र्क़ है !!
तू साथ है तो , हो वीराना की हो बहार क्या फ़र्क़ है !!
मुझे तो अंधेरों से डर लगता है सागर ,
तू ख़्वाब बन जाये तो ,रात कितनी है क्या फ़र्क़ है !!
मेरे ब्लॉग को फॉलो करने क लिए यहाँ क्लिक करे | |
मेरे बेटे के Youtube ब्लॉग को फॉलो करे यहाँ क्लिक करके ||
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपकी टिप्पणियों का हार्दिक स्वागत है...
आपकी टिप्पणियाँ मार्गदर्शक बनकर मुझे प्ररित करती है.....
आभार ..........