2019/11/01

एक और जिन्दगी


एक और जिन्दगी देना ए ख़ुदा, एक जुल्म भी मुझ पे करना
या तो मुझको बच्चा रखना,या बहरा बना देना।।
में सुनू ना किसी की बस जीता रहूं जिन्दगी सागर ।।
जी नहीं सकते ये सोच, की लोग क्या कहेंगे।।

नवंबर मुबारक।।

मुझको इन खुनक रातों में झांकता बदन रजाई से बाहर अच्छा नहीं लगता।।
मगर तेरी सुबह सर्दियों की, मिलती नहीं खरीदे से।।

नवंबर मुबारक।।