जूनून कामयाबी लाने का इस कदर हो तूझ पे !
ख्वाब भी आये तो कामयाबी लाने का आये !
उमंग मन मे हो जीत की जोश लहरो से खेलने का !
जाना है उस किनारे पे चाहे लाख तुफान आये !
मंजील पाने मे मुस्किलो का सामना भी जरुरी है !
सम्भल – 2 के चले गिरे फिर सम्भल जाये !
जो खूद बने सहारा किसी का उसे सहारे की क्या जरुरत !
चल पडो जहाँ मंजिल मिले संग कोइ आये ना आये !
काम करो तो ऐसा करो सागर कि बस मजा आ जाये !
इस जहान से जब जाये तो हर जुबां पे तेरा नाम आये !
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