2013/06/02

जूनून.........

जूनून कामयाबी लाने का इस कदर हो तूझ पे !
ख्वाब भी आये तो कामयाबी लाने का आये !


उमंग मन मे हो जीत की जोश लहरो से खेलने का !
जाना है उस किनारे पे चाहे लाख तुफान आये !


मंजील पाने मे मुस्किलो का सामना भी जरुरी है !
सम्भल – 2 के चले गिरे फिर सम्भल जाये !


जो खूद बने सहारा किसी का उसे सहारे की क्या जरुरत !
चल पडो जहाँ  मंजिल मिले संग कोइ आये ना आये !


काम करो तो ऐसा करो सागर कि बस मजा आ जाये !

इस जहान से जब जाये तो हर जुबां पे तेरा नाम आये !

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