2011/12/18

दुआयें मांगती हूँ ..........

दुआ मै मांगती हूँ की तूँ मुझको मिल जाये -२
खयाल दिल से अब जुदाई का निकल जाये !
तम्मनायें जो दिल में है वो हमको हो हासिल ,
वफायें की है बहुत अब वफायें मिल जाये !
इश्क़ के रस्ते है अकेले सफर नहीं होता ,
मेरी रज़ा है ये कि संग तूँ भी चल जाये !
ईक तस्वीर है तेरी जो है मेरे दिल में ,
तूँ सामने आ जाये और तस्वीर से निकल जाये !
मुझे ये मंजीले बडी दूर नजर आती है ,
तेरे साथ पता क्या कब सफर निकल जाये !
मै सोच भी लू जो तुझसे जुदाई का,
मुझे ये लगता है बस अब दम निकल जाये !
में किसी और की हो जाऊ ये हो नहीं सकता ,
और ये भी हो नहीं सकता कि कोई और मुझको भा जाये !
तूँ मेरा है या मुझको यूँ ही तडपना होगा ,
ईक बार आये तूँ और ये कह के निकल जाये !
फिर भले तूँ आये या ना आये मेरे जीवन में ,
तेरी यादों के सहारे ही जिन्द्गी निकल जाये !
तूँ अगर मिल भी जाये उसके रहम-ओ-करम से ,
मेरी तो जिन्द्गी ही तमाम बदल जाये !
अगर तूँ ना मिले जो तेरी रज़ा ना हो तो ,
तेरे इंतजार में ऊम्र तमाम निकल जाये !
में जिन्दा हुं कि तूँ है मेरे ख्यालों में,
मै मर जाउंगी अगर तूँ ख्यालों से निकल जाये!
मगर मे फिर भी ये दुआयें करती रहूंगी ,
मुझे दो-चार बार ओर जन्म मिल जाये!
ना नसीब में हो मेरे तूँ इस बार अगर,
अगले हर जन्म में “सागर “ मुझको तूँ मिल जाये !


1 टिप्पणी:

  1. bahut khub likha h aapne, suruaat ladki ki bhawnao se karte huwe aant aapne ladke ki bhawnao se kar diya h ye galati se hua h ya isi tarah se aant kiya gaya h,"mein mar jaunga agar tu khayalon se nikal jaye,magar phir bhi duayien karta rahunga"...bahut bhawnatmak aur sundar kavita.

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