2025/03/26

बात होती नहीं है!

बात कहना चाहता हूँ तुजसे मगर तू होती नहीं है !

दीपक जला देने से भी रोशनी होती नहीं है!

अंधेरा सा होता है मगर में रह लेता हूँ अकेला,

तेरे बिन रोशन होकर भी जिंदगी रोशन नहीं है !

गुस्से से,प्यार से हर तरह से बोल कर देखा मैंने सागर!

में हर बार रूठ कर गया हूँ तू बुलाती नहीं है!


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