2012/04/15

हमने देखा है ............

फूलों की हिफाजत काँटों को करते देखा है ,
हमने परवानो को मोहब्बत में जल के मरते देखा है !
कहते होंगे दीवाने इश्क को जिन्दगी अपनी , लेकिन ;
मोहब्बत के लिए दीवानों को मरते देखा है !

 नशा इश्क का हो या शराब  का होश होने नहीं देता ,
 गिर गिर के संभलते और संभल के गिरते देखा है !
कश्तियां डूबती देखी ज़माने  के सागर  में बहुत ,
हमने पैमानों में जहाजों को डूबते देखा है !

प्यास बुझाने वाली नदियाँ ;खेत लहलहाने वाले झरने ,
हमने  नदियों में लाशों को बहते देखा है  !
किनारों पे रहने वालों को नींद नहीं आती  रात  भर
हमने लहरों  में घरों को उजड़ते देखा है  !

खुद को दोस्त कहने वाला हरकोई दोस्त नहीं होता ,
दोस्ती के नाम पे दगा देने वाला देखा है !
वो जो  मोहब्बत में जान देने की बात करते है ,
अपनी मोहब्बत का उनको "सागर"; क़त्ल करते देखा है 

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