मेरे आंसुओ की बूंदों ने मुझसे पूछा .......
क्या आज तुझको हमारी याद आयी है ,
दर्द है क्या जो तेरी आँख भर आयी है,
तू तो रोता न था बनता बड़ा कठोर था,
देखते क्या नयी ये तुझमे नरमाई है !
मेरे आंसुओ की बूंदों ने मुझसे पूछा .......
दर्द ऐसा भी क्या जो तुझसे सहन हो न पाया,
क्या बातें ऐसी जो जुबां पे आ न पायी ,
तेरे चहरे पे जो दिखता था वो गुरुर कहा है
क्यों डर की छाया तेरे चेहरे पे छाई है,
मेरे आंसुओ की बूंदों ने मुझसे पूछा .......
क्यों रहता है एकाकी दिल मैं टीस क्या है,
घुमड़ते गम के बादलों ने क्या हूक लगायी है ,
तेरी तन्हाई न ले ले जान कहीं तेरी !
क्यों जिंदगी ने मौत से कर रखी लड़ाई है,
मेरे आंसुओ की बूंदों ने मुझसे पूछा .......
कुछ समझ में नहीं आता जाऊं कहाँ ,
क्या करूँ क्या नहीं बताऊँ किसे मैंने पूछा ,
मुझको भी नहीं समझ आया अभी तक,
मेरी मौत क्यों आंसुओ से नहाई है!
जब
मेरे आंसुओ की बूंदों ने मुझसे पूछा .......
Sunder Kavita ....
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