हर शख्स सामने वाला बुरा नहीं होता
घाव न करे चुभकर ,मगर ऐसा भी कोई छुरा नहीं होता !
हाथ पकड़ कर कभी तो रास्ते पे लाता है,
और कभी रास्तों की अड़चन बन जाता है !
धोख देता है वही जिसपे विश्वास अधूरा नहीं होता !
हर शख्स सामने वाला बुरा नहीं होता .......!
दिल के दर्द को जिसे हमदर्द समझकर बताते है ,
अपना समझ कर जिसे सिने से लगाते है ,
तोड़ कर उम्मीदे धोखा देते है वही लोग,
ऐसे लोगो को क्या खौफ खुदा का जरा नहीं होता !
हर शख्स सामने वाला बुरा नहीं होता .......!
सपनो मैं क्यों हम अपनी जिन्दगी सजाते है ,
है जिन्दगी सपनो से लम्बी ये समझ नहीं पाते है ,
क्यों सपना हर रोज देखने की बेताबी आँखों को ,
जबकि है पता की हर सपना पूरा नहीं होता !
हर शख्स सामने वाला बुरा नहीं होता .......!
हर किसी का न हाथ पकड़ना अब ,
मौका ही न दे अब किसी को विशवास घात का,
मंजिले तुझे खुद ही तलाशनी पड़ेगी " सागर " यहाँ ,
कोई किसी की मंजिलों का रह्बरा नहीं होता !
हर शख्स सामने वाला बुरा नहीं होता .....
घाव न करे चुभकर भी मगर ऐसा कोई छुरा नही होता
हर शख्स सामने वाला बुरा नहीं होता .......!