2012/03/03

तू जाता रहा................

हर दवा हर दुआ का असर जाता रहा ,
दर्द और बढ़ गया जो तू  जाता रहा !
तू था तो रोशन था कूचा कूचा गली गली ,
तू गया तो ये सारा रोशनारा जाता रहा !
हर तरफ रोनक तेरे साये जैसी  थी ,
विरानियाँ  छा गयी जो तू जाता रहा !
अब कहाँ  गए मेले क्यूँ कोई नजर आता नहीं ,
तेरा साथ छुटा तो हर अजीज जाता रहा !
तेरे एक आँसू पे हम जान देते थे ,
जाने वो आशिक वो जूनून कहाँ  जाता रहा !
साथ रहने की कसम में तोड़ भी देता मगर  ,
बेवफाई का सोच के ही होंसला जाता रहा !
अगर गुनाहगार हूँ तो आंसू न बहाना ,
कसूर क्या जब साथ साँसों का जाता रहा !
करके मोहब्बत मैने वो सजा पाई है,
वफ़ा करके भी मै बेवफ़ा कहलाता रहा !
इल्जाम ऊस गुनाह का आया जो मैने किया नहीं ,
कब्र में भी सागर आँसू बहता रहा !
कब्र में भी सागर आँसू बहता रहा !
हर दवा हर दुआ का...................